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Showing posts from November, 2019

Bas Naam Tera Mujhe Yaad Raha

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 गुमशुदा था अनजान राहों में और खोया ख़याल ओ ख़्वाब में  बस नाम तेरा मुझे याद रहा मेरी नेकीयों और बुराई में हर गुनाह में और सवाब में  बस नाम तेरा मुझे याद रहा ज़िन्दगी कोरा काग़ज़ ही सही पर दिल की खुली उस किताब में  बस नाम तेरा मुझे याद रहा दुनिया के हर इक सवाल में अश्कों से भरे हर जवाब में  बस नाम तेरा मुझे याद रहा मैं गुनाह करते करते थक गया  उन गुनाहों के हर हिसाब में  बस नाम तेरा मुझे याद रहा तुम क्या जानोगे हाल दिल का मेरे दर्द जिसमें छुपाया उस हिजाब में बस नाम तेरा मूझे याद रहा  तुझसे मोहब्बत गुनाह ही तो था फ़ना हुआ तेरे इश्क़ के सैलाब में बस नाम तेरा मुझे याद रहा तुझसे मोहब्बत गुनाह ही तो था फ़ना हुआ तेरे इश्क़ के सैलाब में बस नाम तेरा मुझे याद रहा बस नाम तेरा मुझे याद रहा  سیفی

Khataa Ki Sazaa......

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ना चाह कर भी क्यूं  किसी से इतना मैं दूर हूँ क्या करूँ किस्मत के आगे थोड़ा सा मजबूर हूँ । ना उनकी कमी कोई मुहब्बत में शायद मेरी ही है कोई ख़ता अब उन ख़ताओं का नतीजा ये है इस मुहब्बत में चूर चूर हूँ। अब न दश्त में डर लगता है न तारीक में दम घबराता है अन्दर से जली ख़ाक हूँ मैं और ऊपर से पुर नूर हूँ। जैसे ज़िंदा लाश बना हूँ ख़ुद में खोई तलाश बना हूँ उम्मीद की आख़री आस हो कोई वैसा ही झूठा फितूर हूँ। ना चाह कर भी क्यूं  किसी से मैं इतना दूर हूँ....... ना चाह कर भी क्यूं  किसी से मैं इतना दूर हूँ...... سیفی

Yaadon ka Sath

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वो साथ नहीं तो क्या उसकी याद तो साथ है वो साथ नहीं तो क्या उसके अरमां तो साथ हैं उसकी हसरत थी एक दिन हमेशा के लिए एक हो जाएँगे वो साथ नहीं तो क्या उसकी हसरत तो साथ है बड़ी शिद्दत से किसी की वफ़ा को निभाया था हमने वो साथ नहीं तो क्या उसकी बेवफ़ाई तो साथ है जिसका चेहरा देख कर मेरी सुबह होती थी वो साथ नहीं तो क्या आँखों में कटी रातों में वो साथ है जिसके मिज़ाज से मेरे ख़याल बनते थे वो मिज़ाज नहीं तो क्या ख़याल तो मेरे साथ है سیفی

Guzre Lamhe

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मैं नफरतों के साये में  दिन रात घिरा सा रहता हूँ  नफरत ही बची हैं इस जग में  मैं आज सभी से कहता हूँ l  अनजान हुवा करते थे जो  बेजान हुआ करते थे जो  मैं दर्द बनकर रगों में उनकी  दिन रात यूँ ही अब बहता हूँ l  मुझे छोड कर, दिल तोड़ कर  वो कैसे खुश रह लेते हैँ  और कैसे  उनको बतलाऊँ  ये तन्हाई कैसे सेहता  हूँ l  हर इक इन्सान  बेवफा निकला  मुझको कोई अरमान नहीं  "सैफी"  उनकी बेवफाई में  हर पल तड़पता रहता हूँ l                                                                   سیفی