Bas Naam Tera Mujhe Yaad Raha
गुमशुदा था अनजान राहों में
और खोया ख़याल ओ ख़्वाब में
बस नाम तेरा मुझे याद रहा
मेरी नेकीयों और बुराई में
हर गुनाह में और सवाब में
बस नाम तेरा मुझे याद रहा
ज़िन्दगी कोरा काग़ज़ ही सही
पर दिल की खुली उस किताब में
बस नाम तेरा मुझे याद रहा
दुनिया के हर इक सवाल में
अश्कों से भरे हर जवाब में
बस नाम तेरा मुझे याद रहा
मैं गुनाह करते करते थक गया
उन गुनाहों के हर हिसाब में
बस नाम तेरा मुझे याद रहा
तुम क्या जानोगे हाल दिल का मेरे
दर्द जिसमें छुपाया उस हिजाब में
बस नाम तेरा मूझे याद रहा
तुझसे मोहब्बत गुनाह ही तो था
फ़ना हुआ तेरे इश्क़ के सैलाब में
बस नाम तेरा मुझे याद रहा
तुझसे मोहब्बत गुनाह ही तो था
फ़ना हुआ तेरे इश्क़ के सैलाब में
बस नाम तेरा मुझे याद रहा
बस नाम तेरा मुझे याद रहा
سیفی
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